रजनीकांत की पहली हिंदी फिल्म में नहीं थे डायलॉग, फिर भी पूरी फिल्म चुरा ली!

रजनीकांत की पहली हिंदी फिल्म में नहीं थे डायलॉग, फिर भी पूरी फिल्म चुरा ली!

रजनीकांत, जिन्हें दक्षिण भारत का सुपरस्टार कहा जाता है, ने अपने दमदार अभिनय और स्टाइल से पूरे देश को अपना दीवाना बना दिया। उनकी पहली हिंदी फिल्म ‘अंधा कानून’ (1983) थी, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इस फिल्म में उनके डायलॉग न के बराबर थे। फिर भी, उनकी मौजूदगी ने दर्शकों पर गहरा प्रभाव डाला।


संक्षेप में

  • पहली हिंदी फिल्म: ‘अंधा कानून’ (1983) से बॉलीवुड में एंट्री।
  • कम डायलॉग, ज्यादा प्रभाव: उनके लुक्स और एक्शन ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
  • स्टाइल और स्वैग: बिना ज्यादा बोले भी वह सीन चुरा ले गए।
  • बॉलीवुड में छाप: इस फिल्म के बाद उनकी लोकप्रियता और बढ़ गई।

रजनीकांत की पहली हिंदी फिल्म

1983 में आई ‘अंधा कानून’ में अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी मुख्य भूमिका में थे। लेकिन असली आकर्षण थे रजनीकांत। फिल्म में उन्होंने विजय कुमार का किरदार निभाया। हालांकि, उनका स्क्रीन टाइम बहुत ज्यादा नहीं था और डायलॉग्स भी कम थे। लेकिन उनकी शानदार एंट्री, दमदार एक्शन और जबरदस्त स्टाइल ने दर्शकों का ध्यान खींच लिया।

कम बोलकर भी दिखा दिया दम

फिल्म में उनका संवाद बेहद कम था। इसके बावजूद उनकी बॉडी लैंग्वेज, एक्सप्रेशंस और अनोखा अंदाज हर सीन में छाया रहा। उनके फाइट सीन्स और करिश्माई स्क्रीन प्रेजेंस ने दिखा दिया कि वह बिना शब्दों के भी स्क्रीन पर राज कर सकते हैं।

‘स्टाइल मन्नान’ की बॉलीवुड में एंट्री

दक्षिण भारतीय सिनेमा में पहले से ही उनका स्टारडम ऊंचाइयों पर था। लेकिन हिंदी सिनेमा में भी ‘अंधा कानून’ के बाद उनका प्रभाव बढ़ने लगा। यह फिल्म उनकी बॉलीवुड यात्रा की शुरुआत थी, और उन्होंने साबित किया कि उनकी स्टाइल और करिश्मा किसी भाषा की मोहताज नहीं।

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