जीतेंद्र के लकी सफेद जूते – सफलता की पहचान या सिर्फ अंधविश्वास?

1960 के दशक में बॉलीवुड में एक नया सितारा उभरा – जीतेंद्र। उनकी एनर्जी, नृत्य शैली और रोमांटिक छवि दर्शकों को खूब भाती थी। लेकिन उनके करियर में एक चीज़ सबसे खास बन गई – उनके सफेद जूते।
हर फिल्म में सफेद जूते, आखिर क्यों?
जीतेंद्र ने शुरुआती दिनों में कई संघर्ष देखे। लेकिन जब उनकी फिल्में हिट होने लगीं, तो उन्होंने एक पैटर्न देखा। उनकी सफलता की अधिकतर फिल्मों में उन्होंने सफेद जूते पहने थे। यह बात जल्द ही फिल्म निर्माताओं के बीच चर्चा का विषय बन गई। कुछ प्रोड्यूसर्स को यह अंधविश्वास लगने लगा कि अगर जीतेंद्र सफेद जूते पहनेंगे, तो फिल्म हिट होगी।
सिर्फ स्टाइल या गुड लक चार्म?
उनके डांस स्टेप्स और स्क्रीन प्रेजेंस के साथ सफेद जूते एक अलग ही पहचान बना चुके थे। कई निर्माता-निर्देशक चाहते थे कि वे शूटिंग के दौरान हमेशा ये जूते पहनें। दर्शकों ने भी उन्हें इस लुक में खूब पसंद किया। उनकी यह स्टाइल इतनी लोकप्रिय हुई कि ‘जंपिंग जैक’ का खिताब भी उन्हें इन्हीं सफेद जूतों के कारण मिला।
क्या सफेद जूते से ही मिलती रही सफलता?
हालांकि, सफेद जूते सिर्फ एक प्रतीक थे। असली सफलता उनकी मेहनत और टैलेंट से आई। लेकिन बॉलीवुड में अक्सर छोटी-छोटी चीजें भी ट्रेंड बन जाती हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि जीतेंद्र के सफेद जूते सिर्फ फैशन नहीं, बल्कि 70 और 80 के दशक के सिनेमा का एक खास हिस्सा बन गए थे।