जिस फिल्म की स्क्रिप्ट सुनते-सुनते सो गए थे शत्रुघ्न सिन्हा, उसी ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया!

शत्रुघ्न सिन्हा को बॉलीवुड में शुरुआत में ज्यादा मौके नहीं मिले। उन्होंने कई फिल्मों में छोटे किरदार निभाए। हालांकि, असली पहचान उन्हें ‘कालीचरण’ से मिली। यह फिल्म उनकी किस्मत बदलने वाली साबित हुई। डायरेक्टर सुभाष घई ने इस फिल्म से अपने निर्देशन की शुरुआत की। फिल्म 1976 में आई और ब्लॉकबस्टर बन गई। इससे पहले यह फिल्म कई बड़े सितारों को ऑफर की गई थी। लेकिन सभी ने किसी न किसी वजह से मना कर दिया।
एनएन सिप्पी फिल्म के प्रोड्यूसर थे। वह इस फिल्म में राजेश खन्ना को लेना चाहते थे। राजेश खन्ना तब के सुपरस्टार थे। लेकिन उनके पास डेट्स नहीं थीं। इसलिए उन्होंने इस फिल्म को मना कर दिया। फिर सुनील दत्त और फिरोज खान को भी स्क्रिप्ट सुनाई गई। मगर बात नहीं बनी।

सुभाष घई शत्रुघ्न सिन्हा को लीड रोल में लेना चाहते थे। लेकिन प्रोड्यूसर राजी नहीं थे। फिर जब सभी बड़े एक्टर्स मना कर चुके, तो शत्रुघ्न को चांस मिला। दिलचस्प बात ये है कि जब सुभाष घई स्क्रिप्ट लेकर शत्रुघ्न सिन्हा के पास पहुंचे, तो वे स्क्रिप्ट सुनते-सुनते सो गए। वजह थी थकान। वह दिनभर तीन-तीन शिफ्ट में शूट कर रहे थे। कहानी पूरी नहीं सुन पाए। लेकिन बाद में फिल्म साइन कर ली।
‘कालीचरण’ में शत्रुघ्न सिन्हा का अभिनय दमदार था। रीना रॉय के साथ उनकी जोड़ी को सराहा गया। फिल्म में प्रेमनाथ, अजीत, डैनी, मदन पुरी जैसे कलाकार भी थे। सबने अपने रोल को बखूबी निभाया। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया। लोगों को डायलॉग्स खूब पसंद आए। खासकर शत्रुघ्न सिन्हा की संवाद अदायगी को काफी सराहा गया।
इस फिल्म के बाद शत्रुघ्न सिन्हा स्टार बन गए। डायरेक्टर्स उन्हें लीड रोल ऑफर करने लगे। ‘कालीचरण’ उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुई। वहीं सुभाष घई भी एक सफल डायरेक्टर बनकर उभरे। फिल्म की सफलता से दोनों की किस्मत चमक गई। अगर राजेश खन्ना फिल्म साइन कर लेते, तो शायद शत्रुघ्न को ये मौका कभी न मिलता।