Yeh Duniya Yeh Mehfil Mere Kaam Ki Nahin - Mohammed Rafi - HEER RANJHA - Raaj Kumar, Priya Rajvansh_oldisgold.co.in

क्यों राज कुमार चाहते थे कि उनका अंतिम संस्कार गुमनामी में हो?

राजकुमार का जन्म 8 अक्टूबर 1926 को बलूचिस्तान (पाकिस्तान) में कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ था| राजकुमार का असली नाम कुलभूषण पंडित था, और उनको प्यार से करीबी लोग ‘जानी’ के नाम से पुकारते थे|

           राजकुमार ने मरने से पहले ही सबको यह सख्त हिदायत दी थी, कि उनके अंतिम संस्कार में फिल्म इंडस्ट्री का या मीडिया से कोई शामिल न हो। उनका मानना था ,कि लोग शमशान यात्रा को तमाशा बना देते हैं। अपने डायलॉग, अंदाज से बॉलीवुड में अगल पहचान बनाने वाले अभिनेता राजकुमार कहने को अब राजकुमार हमारे बीच नहीं है।राजकुमार का व्यक्तित्व काफी शानदार था और वैसे ही शानदार और शान- शौकत से वो जीते भी थे।

Raaj Kumar - Old is Gold
Raaj Kumar – Old is Gold

राजकुमार एक ऐसे अभिनेता थे ,जिन्होंने बेहद अलग अंदाज में अपनी जिंदगी जी और कभी किसी चीज की परवाह नहीं की। जिनके डायलॉग्स पर तालियों की गड़गड़ाहट सिनेमाघरों में गूंजने लगती थी| आज भले ही वो इस दुनिया में नहीं हैं, वह इंडस्ट्री के सबसे बेबाक और मुंहफट कलाकार थे। किसी से भी मजाक कर लेना, किसी का भी मजाक उड़ा देना इन सब बातों पर राजकुमार ज्यादा सोच विचार नहीं करते थे।उन्हें इस बात से फर्क ही नहीं पड़ता था कि कौन उनसे नाराज है और कौन खुश वह बस अपना काम संजीदगी से करते थे और दुनिया उनके हुनर की कायल थी। राजकुमार की तो वह शख्सियत थी कि उनके आगे अमिताभ, धर्मेंद्र, सलमान, गोविंदा, जीनत अमान जैसे दिग्गज कलाकार कुछ नहीं कह पाते थे। हालांकि ऐसे बड़े कलाकार का अंतिम संस्कार बेहद ही चोरी छिपे किया गया था ,जिसमें कोई भी शामिल नहीं हुआ था।

राजकुमार की सुपरहिट फिल्म तिरंगा के निर्देशक मेहुल कुमार ने इसकी वजह बताई थी। दरअसल राजकुमार ने मरने से पहले खुद सबको सख्त हिदायत दी थी कि कोई भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होगा। राजकुमार ने मेहुल को बताया था कि वह नहीं चाहते कि उनकी अंतिम यात्रा में कोई शामिल हो।राजकुमार मेहुल कुमार की फिल्म मरते दम तक में अपनी मौत का सीन फिल्मा रहे थे। एक इंटरव्यू में मेहुल ने इस घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जब सीन के दौरान उनकी शमशान यात्रा निकली तो उन्हें गाड़ी में सुलाया गया। मैंने उन्हें फूल माला पहनाई तो उन्होंने कहा कि जानी अभी पहना लो हार जब जाएंगे तो आपको पता भी नहीं चलेगा कि कब हम गए।मेहुल ने आगे कहा था कि, ‘उस वक्त मैंने उनसे कुछ नहीं कहा और सीन पूरा हुआ। शूटिंग खत्म होने के बाद रात को मैंने उनसे पूछा था कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा। उस वक्त राजकुमार ने कहा कि जानी तुमको मालूम है, लोग शमशान यात्र को तमाशा बना देते हैं। लोग अच्छे सफेद कपड़े पहनकर आएंगे फिर मीडिया वाले आएंगे। एक मरे हुए व्यक्ति को सम्मान देने के बजाय तमाशा बना दिया जाता है’।राजकुमार ने आगे कहा था कि, ‘जब भी उनकी मौत हो उनके अंतिम संस्कार में सिर्फ घर के लोग शामिल हों उसमें मेरे परिवार के अलावा और कोई भी ना हो’। वही हुआ जो राजकुमार चाहते थे। उनकी अंतिम यात्रा बहुत ही गुपचुप तरीके से हुई जिसमें सिर्फ परिवार के लोग शामिल हुए थे|बॉलीवुड का कोई सेलेब शामिल नहीं हुआ|