स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन हो गया है। मुंबई के शिवाजी पार्क में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार भी किया गया। इसके साथ ही देश में 2 दिनों का राष्ट्रीय शोक भी रखा गया है। सभी लोग लता मंगेशकर को अपने-अपने तरीके से याद कर रहे हैं। इसी कड़ी में सुप्रसिद्ध गीतकार संतोष आनंद ने भी लता मंगेशकर को याद किया। संतोष आनंद के लिखे गाने ‘एक प्यार का नगमा है‘ उसको लता मंगेशकर ने अपनी आवाज दी थी। आज यह गाना अमर हो गया है। संतोष आनंद के कई गानों में लता मंगेशकर ने अपनी आवाज दी है और यही कारण है कि लता मंगेशकर को लेकर संतोष आनंद भावुक हैं। अपनी लड़खराती जुबान से उन्होंने लता मंगेशकर के प्रति शोक व्यक्त किया।
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Ustad Bade Ghulam Ali
उस्ताद बड़े ग़ुलाम अली ख़ान ने मज़ाक और सच्ची प्रशंसा में उनके बारे में मशहूर कहा था, "कमबख्त गल्ती से भी बेसुरा नहीं गति (वह गलती से भी धुन से बाहर नहीं गाती है)।" लता मंगेशकर उत्कृष्टता, बहुमुखी प्रतिभा और पहुंच के लिए एक उपनाम थीं, जो कि अनगिनत आवाजों में टिकी रहेंगी - जो उनसे प्रेरित हैं - और आगे भी रहेंगी।
Noor Jahan
प्रतिष्ठित गायिका नूरजहाँ ने मंगेशकर की प्रशंसा की और उनका अनुसरण किया, एक बार उनके बारे में कहा था: “लोग कहते हैं कि वह मेरी प्रशंसा करती हैं। पर लता तो लता है। मेरी नज़र में लताजी की तरह कोई आज तक दिया नहीं हुआ।”
Amitabh Bachchan
अमिताभ बच्चन से जब पड़ोसी मुल्क ने कहा था- 'वो जब भी पड़ोसी मुल्क जाते थे तो वहां के लोग उनसे कहते थे कि हमारे पास वो सबकुछ है जो आपके आपके पास है. बस दो चीजें हैं जो हमारे पास नहीं हैं. एक ताजमहल और दूसरी लता मंगेशकर.'
When Lataji was slow poisoned
बता दें कि लता मंगेशकर जब 33 साल की थीं, तब उन्हें जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी। लता की करीबी मित्र पद्मा सचदेव की किताब 'ऐसा कहां से लाऊं' में भी इस बात का जिक्र है। यह घटना 1963 की है, जब लताजी को लगातार उल्टियां हो रही थीं। डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि उन्हें धीमा जहर दिया गया है। इस हादसे के बाद ये खबर खूब वायरल हुई थी कि जब भी लता जी खाना खाती थी तो पहले मजरूह सुल्तानपुरी उस खाने को चखते थे। इसका बाद ही लता जी प्लेट को हाथ लगाती थी।
Waheeda Rehman
जब वहीदा रहमान ने उठाया था लता मंगेशकर की ‘कमजोरी’ का फायदा!Matched Content Code
वहीदा रहमान ने बताया कि- ‘मुझे बांग्लादेश वाला टूर ऑर्गनाइज करना था. ये बात साल 1971 की है. ऐसे में मैंने लता जी को अप्रोच किया तो उन्होंने साफ मना कर दिया. मैं उन्हें बार बार बोलती रही, लेकिन 10 दिनों तक वह इस टूर पर जाने के लिए मना करती रहीं. लेकिन मुझे उनकी कमजोरी का अंदाजा था. ऐसे में मैंने उस कमजोरी का फायदा उठाया. लता जी को चॉकलेट्स खाना बहुत पसंद था. ऐसे में मैंने उन्हें चॉकलेट्स भेजना शुरू कर दिया. मैं हर दिन उनके लिए चॉकलेट्स भेजा करती थी. आखिर में वह शो करने के लिए मान गईं. उन्होंने इसके बाद मुझे कहा- वहीदा जी आपको पता था मेरी कमजोरी के बारे में औऱ इसका फायदा आपने अच्छे से उठाया. आप बहुत स्मार्ट हैं. मैं उनकी इस बात पर मोहित हो गई थी.’