हिंदी फिल्मो में अपने अभिनय से हास्य की नई परिभाषा गढ़ने वाले जॉनी वॉकर का जन्म 11 नवंबर, 1926 को इंदौर में हुआ था| उन्हें 50, 60 और 70 के दशक का सबसे बेस्ट कॉमेडियन माना जाता है अधिकतर फिल्मों में जॉनी वॉकर को कास्ट करना मतलब फिल्म का हिट होना माना जाता था| कहा जाता है कि मेकर्स राइटर्स पर दबाव डालकर फिल्म में उनका रोल तैयार करवाते थे। क्योंकि जॉनी वॉकर का इतना नाम था कि फिल्म में उनका नाम देख ही दर्शक थियेटर पर टूट पड़ते थे|
![Johnny Walker comedian old is gold](http://oldisgold.co.in/wp-content/uploads/2022/05/Johnny-Walker.webp)
Johnny Walker शराबी की जबर्दस्त नकल उतारते थे लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि फिल्मों में शराबी की एक्टिंग करने वाले जॉनी असल जिंदगी में शराब नही पीते थे|
गुरुदत्त अपनी सभी फिल्मों में जॉनी का स्पेशल किरदार जरूर लिखते थे जिनमें चौदहवी का चांद’, ‘कागज के फूल’ ‘आर-पार’, ‘प्यासा’, ‘मिस्टर एंड मिसेज 55’ जैसी सुपर हिट फिल्में शामिल हैं। जॉनी ने आर पार, टैक्सी ड्राइवर, देवदास, मिलाप, सीआइडी, नया दौर, कागज के फूल, दो रास्ते और आनंद समेत कई सारी सुपरहिट फिल्मों में काम किया. उन्हें ‘मधुमती ‘ फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया|
![Johnny Walker still image](http://oldisgold.co.in/wp-content/uploads/2022/05/Johnny-Walker-still-image.jpeg)
अपने करियर में लगातार फिल्में करने वाले जॉनी वॉकर ने 1983 के बाद फिल्मों में काम करना बंद कर दिया था। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें लगता था की कॉमेडी का स्तर गिरता जा रहा है और लोग उनसे डबल मीनिंग डायलॉग वाले किरदार करवाना चाहते थे। जॉनी इन सबके खिलाफ थे। उन्हें ऐसा करना कतई मंजूर नहीं था
लंबे समय तक इंडस्ट्री से दूर रहे जॉनी वॉकर ने साल 1997 में आई कमल हासन की फिल्म ‘चाची 420’ से कमबैक किया। जॉनी ये फिल्म करना नहीं चाहते थे। उन्होंने अपने दोस्त गुलजार और कमल हासन के जिद करने के बाद इस फिल्म में काम किया। इस फिल्म में उन्होंने एक शराबी मेक-अप आर्टिस्ट का रोल किया था। चाची 420 करने का उन्हें बहुत फायदा हुआ। लंबे समय से कोई फिल्म नहीं करने के कारण लोग उन्हें मरा हुआ समझकर भूल गए थे लेकिन इस फिल्म के बाद उन्हें ढेरों मैसेज, फोन कॉल्स, टेलीग्राम और खत आए। लोग एक ही सवाल पूछ रहे थे कि, ‘आप जिंदा हैं ?’
जिस पर जॉनी मुस्कुरा कर अपने कॉमिक अंदाज़ में बोल देते थे|
वर्षों तक मनोरंजन उद्योग में सेवा करने और 300 से अधिक फिल्मों में काम करने के बाद, उन्होंने अपने पतन के बाद भी काम करना जारी रखा और उन्हें आखिरी बार कमल हासन की फिल्म चाची 420 में एक शराब की बोतल के साथ एक मेकअप कलाकार के रूप में देखा गया था। उसके बाद, 2003 में, यह महान अभिनेता के लिए एक पर्दा था, लेकिन वह अभी भी हमारे साथ अपने शानदार काम के माध्यम से है।