लता मंगेशकर कभी मरती नहीं हैं. वह सुरों के माध्यम से हमेशा भारतवर्ष के दिलों मे धड़कती रहेंगी..!!
लता मंगेशकर भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका थीं, जिनका छ: दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है। हालाँकि लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायक के रूप में रही है।
शब्द नहीं हैं, शब्दों का माधुर्य स्वरूप देवीं लता मंगेशकर जी आज स्वर्ग सिधार गई हैं।
ठेट बचपन की अलसाई सुबह में रंगोली कार्यक्रम में लता दीदी की चहकती हुई आवाज कानों में पड़ती थी। देर रात को दूरदर्शन पे आने वाली फिल्मों में यूं तो 3-4 वर्ष की उम्र में कुछ समझ नहीं आता था पर कानों को यह पता था ‘आ जा सनम, मधुर चांदनी में हम’ में यह आवाज बहुत अच्छी है, और कोई पूछता था तो ‘आएगा आनेवाला’ गाने को अपना फेवरेट बता दिया जाता था।
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उम्र के साथ साथ लता दीदी के गानों की स्वर लहरियां, मुर्कियां, सुर, हंसी की खंखनाहट, श्रद्धा, अपनापन, कसक, अंतरे मुखड़े के मोड़, जुगलबंदी आदि को समझ पाने को अपने भावनात्मक विकास का एक पैमाना माना जा सकता है। उनके गानों को हजारों बार सुन के भी उस मंथन में से नित नए मोती ढूंढ लेना उनके सरस्वती स्वरूप को दर्शाता है।
लता मंगेशकर जी भारतीय कला का सर्वश्रेष्ठ उत्पाद रही हैं। कोई अन्य व्यक्ति उनके आस पास भी नहीं आ सकता।
मां सरस्वती उन्हें वसंत पंचमी के दिन स्वयं धरती पे आके अपने पास ले गई हैं।
???????? भगवान उन्हें वैकुंठ में स्थान दे।।
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संगीत की दुनिया पर दशकों तक राज करने वाली भारत रत्न स्वर कोकिला “ए मेरे वतन के लोगों” से देश प्रेम की अलख जगाने वाली सुर साम्राज्ञी लता दीदी आज हमारे बीच नहीं है। उनकी आवाज़ सदा के लिए करोड़ों संगीत प्रेमियों के दिलों में अमर रहेगी। ॐ शांति:??