राज कपूर और नरगिस का प्यार: आखिर क्यों उन्होंने एक-दूसरे से शादी नहीं की?

राज कपूर और नरगिस का प्यार: आखिर क्यों उन्होंने एक-दूसरे से शादी नहीं की?

भारतीय सिनेमा के सबसे चर्चित प्रेम कहानियों में से एक थी राज कपूर और नरगिस की प्रेम कहानी। पर्दे पर इनकी जोड़ी ने अनगिनत यादगार फिल्में दीं, लेकिन असल जिंदगी में इनका रिश्ता अधूरा रह गया। आखिर क्यों राज कपूर और नरगिस शादी नहीं कर सके? इस सवाल का जवाब उनकी जिंदगी के कुछ अहम पहलुओं में छिपा है।

पहली मुलाकात और प्यार की शुरुआत

राज कपूर और नरगिस की पहली मुलाकात फिल्म ‘आग’ (1948) के सेट पर हुई थी। उस समय नरगिस पहले ही एक स्थापित अभिनेत्री थीं, जबकि राज कपूर अपने करियर की शुरुआत कर रहे थे। लेकिन जब दोनों ने ‘बरसात’ (1949), ‘आवारा’ (1951) और ‘श्री 420’ (1955) जैसी हिट फिल्में दीं, तब इनका प्यार परवान चढ़ने लगा।

Raj Kapoor with wife - Old is Gold Films | oldisgold.co.in
Raj Kapoor with wife – Old is Gold Films

राज कपूर पहले से शादीशुदा थे

इस प्रेम कहानी की सबसे बड़ी बाधा यह थी कि राज कपूर पहले से ही कृष्णा कपूर से शादीशुदा थे। उनके परिवार में पारंपरिक मूल्यों की गहरी जड़ें थीं, और वे अपनी शादी को तोड़ने के लिए तैयार नहीं थे। यह जानते हुए भी नरगिस ने इस रिश्ते को आगे बढ़ाया, लेकिन उन्हें जल्द ही अहसास हुआ कि यह रिश्ता किसी मुकाम तक नहीं पहुंचेगा।

Raj Kapoor with Nargis in Awara - Old is Gold Films | oldisgold.co.in
Raj Kapoor with Nargis in Awara – Old is Gold Films

नरगिस का इंतजार और दर्द

कई वर्षों तक नरगिस इस उम्मीद में रहीं कि राज कपूर अपनी पत्नी को छोड़कर उनसे शादी कर लेंगे। लेकिन जब यह साफ हो गया कि ऐसा नहीं होगा, तो उनके लिए यह रिश्ता बोझ बनने लगा।

Sunil Dutt and Nargis - Old is Gold Films | oldisgold.co.in
Sunil Dutt and Nargis – Old is Gold Films

सुनील दत्त से शादी और एक नई शुरुआत

1957 में जब नरगिस फिल्म ‘मदर इंडिया’ में काम कर रही थीं, तब एक हादसे में सुनील दत्त ने उनकी जान बचाई। यही वह मोड़ था, जब नरगिस ने अपने अतीत को पीछे छोड़ने और एक नई जिंदगी शुरू करने का फैसला किया। 1958 में उन्होंने सुनील दत्त से शादी कर ली और बॉलीवुड से धीरे-धीरे दूरी बना ली।

राज कपूर और नरगिस की आखिरी मुलाकात

कहा जाता है कि शादी के बाद नरगिस और राज कपूर की बातचीत लगभग खत्म हो गई थी। हालांकि, जब राज कपूर ने फिल्म ‘बॉबी’ (1973) रिलीज की, तब नरगिस ने उन्हें फोन करके बधाई दी थी। यह उनकी आखिरी बातचीत मानी जाती है।

प्यार, लेकिन अधूरा

राज कपूर और नरगिस की प्रेम कहानी भले ही अधूरी रह गई, लेकिन उनके प्यार की गूंज आज भी उनकी फिल्मों के जरिए सुनाई देती है। ‘प्यार हुआ इकरार हुआ’ और ‘इचक दाना बीचक दाना’ जैसे गाने आज भी इस जोड़ी की यादों को ताजा कर देते हैं।

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