सिल्वर स्क्रीन पर दिखने वाली ऐसी कई हीरोइनें हैं जिन्होंने अपनी दमदार एक्टिंग व खूससूरती के दम पर काफी चर्चा बटौरी थीं। मगर 60 और 70 के दशक की एक ऐसी हीरोइन भी रही जिन्होंने कोई बड़ा किरदार नहीं निभाया बल्कि छोटी-छोटी भूमिकाओं के दम पर ही अपनी पहचान बनाईं। आज Old is Gold बात कर रहे हैं सिल्वर स्क्रीन की एक्ट्रेस निवेदिता की जिनके उस दौर में खूब फैंस हुआ करते थे।
लीबी राणा यानि निवेदिता ने 60 के दशक में ‘तू ही मेरी जिंदगी’, ‘फरिश्ता’, ‘ज्योति’, ‘धरती कहे पुकार के’ और ‘धुंध’ जैसी फिल्मों में काम किया, जिनमें उन्होंने अपनी अलग छाप छोड़ी और लोगों में फेमस भी हुई। वहीं, जब उनकी एक फिल्म ‘ज्योति’ एक्टर संजीव कुमार के साथ रिलीज हुई तो लोगों ने उनकी जोड़ी को खूब सराहा लेकिन बाकी सिल्वर स्क्रीन के एक्टर-एक्ट्रेस की तरह लीबी राणा भी अपने स्टारडम को बरकरार नहीं रख पाई।
जब लीबी राणा पर बुरा वक्त आया तो लोग भी उनसे कन्नी काटने लगे। कभी जिस हीरोइन की अदाओं पर लोग मर-मिटते थे, एक वक्त ऐसा भी आया जब वो लोगों के सामने आने से कतराने लगी। अगर उनको कोई पहचान भी लेता था कि ये वहीं लीबी राणा यानि निवेदिता हैं, जिसकी एक अदा पर हजारों घायल हो जाते थे तो वो खुद उनसे नजरे छुपाकर भागने लगती थीं।
ऐसा ही एक किस्सा हुआ मशहूर फिल्म क्रिटिक खालिद मोहम्मद के साथ। जब खालिद मोहम्मद सालों पहले लीबी राणा से मुबंई के होटल ताज में एक बुक शॉप पर टकराए थे तो उन्होंने लीबी को तुरंत पहचान लिया। जैसे ही खालिद ने हिम्मत जुटाकर उनसे पूछा कि वो एक्ट्रेस लीबी राणा हैं तो पहले तो वो उनसे नजरें चुराकर भागने लगीं मगर बाद में उन्होंने अपना देख भी जाहिर किया।
अपनी उस मुलाकात का जिक्र करते हुए खालिद ने कहा था, ‘टोके जाने पर लीबी वहां से भागने लगीं और कहा कि नहीं तुम्हें कोई गलतफहमी हुई है।’ काफी पूछने पर लीबी की हिम्मत जवाब दे गई और उन्होंने कहा कि हां वो फिल्मों में थी।
काफी मजा आता था फिल्मों में, लेकिन लोग तभी तक आपको सलाम करते हैं जब तक आपका सितारा बुलंद है।’ ताज्जुब की बात है कि लीबी राणा जैसी एक्ट्रेस, जो लोगों के दिलों पर राज करती थीं, उन्होंने इस हाल में जिंदगी गुजारी। आपको बता दें कि अभी वो अब इस दुनिया में है भी या नहीं इस बारे में भी कोई जानकारी नहीं है।