Old is Gold | जब गुड नाइट मॉस्किटो क्वाइल का पहला विज्ञापन इतना डरावना था कि दोबारा एडिट करना पड़ा!

आज गुड नाइट मॉस्किटो क्वाइल भारत के सबसे भरोसेमंद मच्छर भगाने वाले उत्पादों में से एक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब इसका पहला विज्ञापन लॉन्च हुआ था, तो लोग डर गए थे और इसे दोबारा एडिट करना पड़ा था?
डरावना विज्ञापन, जिसने लोगों को डरा दिया!
1990 के दशक में गुड नाइट क्वाइल ने भारतीय बाजार में एंट्री की। उस समय मच्छर भगाने के लिए ज्यादातर लोग कोयला जलाने वाली अगरबत्ती या केमिकल स्प्रे का इस्तेमाल करते थे। ऐसे में गुड नाइट इलेक्ट्रिक क्वाइल एक नया और अनोखा प्रोडक्ट था।
इसके पहले विज्ञापन को ज्यादा असरदार बनाने के लिए इसे हॉरर टच दिया गया। विज्ञापन में दिखाया गया कि एक घर में एक बच्चा सो रहा है और अचानक उसके चारों ओर डरावने मच्छर मंडराने लगते हैं। मच्छरों को एकदम खौफनाक अंदाज में दिखाया गया, जिससे लोगों को लगा कि यह एड बच्चों के लिए डरावना है और बहुत ज्यादा ओवरड्रामेटिक भी!
क्यों करना पड़ा एडिट?
जैसे ही यह विज्ञापन टीवी पर आया, कई माता-पिता ने इसे लेकर कंपनी को शिकायतें भेजनी शुरू कर दीं। लोगों ने कहा कि यह एड इतना डरावना है कि बच्चे इसे देखकर डरने लगे हैं और सोने से पहले बेचैन हो जाते हैं।
कंपनी को आखिरकार इस एड को फिर से एडिट करना पड़ा और इसके डरावने सीन्स को हटा दिया गया। नया एड थोड़ा सॉफ्ट और हल्का बना दिया गया, जिसमें गुड नाइट क्वाइल के फायदों को ज्यादा हाईलाइट किया गया।
कैसे बनी गुड नाइट भारतीय घरों की पसंद?
गुड नाइट के विज्ञापन ने भले ही विवाद खड़ा किया हो, लेकिन इस ब्रांड ने धीरे-धीरे भारतीय बाजार में अपनी जगह बना ली। इसके बाद के विज्ञापनों में फैमिली-केंद्रित अप्रोच अपनाई गई और यह धीरे-धीरे भारत में मच्छर भगाने का सबसे लोकप्रिय तरीका बन गया।
आज गुड नाइट न केवल क्वाइल बल्कि वैरिएबल क्वाइल, लिक्विड वेपराइज़र, क्रीम और स्प्रे जैसे कई प्रोडक्ट्स लॉन्च कर चुका है। लेकिन इसके पहले विज्ञापन का विवाद आज भी एक अनोखा किस्सा बना हुआ है।
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