Old is Gold | जब भारत में बैन हो गया था कोका-कोला, जानिए पूरी कहानी!

आज कोका-कोला भारत में सबसे लोकप्रिय सॉफ्ट ड्रिंक्स में से एक है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक समय ऐसा भी था जब इसे भारत में पूरी तरह से बैन कर दिया गया था? इस प्रतिबंध की कहानी भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था से जुड़ी हुई है, जिसमें स्वदेशी आंदोलन, सरकार के फैसले और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की नीतियां अहम भूमिका निभाती हैं।
कब और क्यों बैन हुआ कोका-कोला?
1977 में भारत की तत्कालीन सरकार, जिसकी अगुवाई मोरारजी देसाई कर रहे थे, ने देश में विदेशी कंपनियों पर कड़े प्रतिबंध लगाए। सरकार ने एक नया कानून लागू किया, जिसके तहत विदेशी कंपनियों को अपनी भारतीय शाखा में 60% हिस्सेदारी भारतीय नागरिकों को देनी थी।
कोका-कोला, जो तब भारत में बहुत पॉपुलर थी, ने इस शर्त को मानने से इनकार कर दिया। कंपनी को यह डर था कि इससे उनका व्यापार मॉडल प्रभावित होगा। नतीजतन, कोका-कोला ने भारत छोड़ने का फैसला किया और 1977 में यह ब्रांड भारतीय बाजार से पूरी तरह गायब हो गया।
कोका-कोला की भारत में वापसी
लगभग 16 सालों तक भारत में कोका-कोला की बिक्री पूरी तरह बंद रही। इस दौरान भारतीय बाजार में थम्स अप, लिम्का, गोल्ड स्पॉट जैसे देसी ब्रांड्स ने अपनी जगह बना ली।
1991 में जब भारत में आर्थिक उदारीकरण (Liberalization) की नीति अपनाई गई, तब कोका-कोला को दोबारा भारत में एंट्री करने की अनुमति मिली। दिलचस्प बात यह है कि भारत वापस आने के बाद कोका-कोला ने थम्स अप को ही खरीद लिया, क्योंकि वह भारतीय बाजार में सबसे मजबूत ब्रांड बन चुका था।
आज कोका-कोला का दबदबा
आज कोका-कोला भारत में एक बार फिर सबसे ज्यादा बिकने वाले सॉफ्ट ड्रिंक्स में से एक है। लेकिन 1977 का वह दौर आज भी भारतीय बाजार की आत्मनिर्भरता और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रभाव की एक ऐतिहासिक मिसाल बना हुआ है।
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