कमाल अमरोही, जिनका असली नाम सैयद अमीर हैदर कमल नकवी था, भारतीय सिनेमा के एक महान निर्देशक, पटकथा लेखक और संवाद लेखक थे। उनका जन्म 17 जनवरी 1918 को अमरोहा, उत्तर प्रदेश में हुआ था।
प्रारंभिक जीवन और करियर की शुरुआत
कमाल अमरोही ने अपने करियर की शुरुआत उर्दू कहानियाँ लिखने से की। 16 साल की उम्र में वे लाहौर चले गए और वहाँ से के.एल. सहगल के कहने पर मुंबई पहुँचे। मुंबई में उन्होंने सोहराब मोदी की मिनर्वा मूवीटोन फिल्म कंपनी में काम करना शुरू किया।
फिल्मी करियर
कमाल अमरोही ने 1949 में अपनी पहली फिल्म “महल” का निर्देशन किया, जिसमें मधुबाला और अशोक कुमार ने मुख्य भूमिका निभाई। यह फिल्म एक बड़ी हिट साबित हुई और इसके गाने आज भी लोकप्रिय हैं। इसके बाद उन्होंने “दायेरा” (1953), “पाकीज़ा” (1972) और “रजिया सुल्तान” (1983) जैसी फिल्मों का निर्देशन किया।
पाकीज़ा: एक अमर कृति
“पाकीज़ा” कमाल अमरोही की सबसे प्रसिद्ध फिल्म मानी जाती है। इस फिल्म को बनाने में उन्हें लगभग 14 साल लगे और यह 1972 में रिलीज़ हुई। फिल्म में मीना कुमारी ने मुख्य भूमिका निभाई,जो कमाल अमरोही की पत्नी भी थीं। “पाकीज़ा” को भारतीय सिनेमा की सबसे बेहतरीन म्यूजिकल मेलोड्रामा फिल्मों में से एक माना जाता है।
व्यक्तिगत जीवन
कमाल अमरोही का व्यक्तिगत जीवन भी काफी चर्चित रहा। उन्होंने तीन शादियाँ कीं, जिनमें से मीना कुमारी के साथ उनकी शादी सबसे ज्यादा चर्चित रही।
योगदान और विरासत
कमाल अमरोही ने भारतीय सिनेमा को कई यादगार फिल्में दीं और उनके संवाद लेखन की भी खूब प्रशंसा हुई। “मुगल-ए-आज़म” के संवादों के लिए उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ संवाद पुरस्कार से नवाजा गया।
कमाल अमरोही का निधन 11 फरवरी 1993 को मुंबई में हुआ। उनकी फिल्मों और उनके योगदान को भारतीय सिनेमा में हमेशा याद किया जाएगा।