इस श्लोक ने खोला अनुराधा के गायन का सफर, लता दीदी से होने लगी थी तुलना

Anuradha Paudwal when compared with Lata Mangeshkar-Old is Gold

जब मशहूर संगीतकार ओपी नैय्यर ने अनुराधा पौडवाल को सुना था , तो वो उनकी आवाज सुनकर दंग रह गए थे | उन्होंने तब कहा था कि अब लता मंगेशकर का जमाना गया, अनुराधा पौडवाल ने लता दीदी को रिप्लेस कर दिया है, लेकिन अनुराधा पौडवाल के एक फैसले ने उनके पूरे करियर को बदल दिया, आपको बता दें कि अनुराधा पौडवाल ने अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘अभिमान‘ में पहली बार गाना गाया था. इस फिल्म में उन्होंने एक श्लोक गाया था जो काफी पॉपुलर हुआ था, उन्हें इसे श्लोक को गाने के लिए काफी सराहना भी मिली थी |

Abhimaan - Old is Gold
Abhimaan – Old is Gold

 ओंकारम बिंदु संयुक्तं नित्यं ध्यानंति योगिनः |  कामदं मोक्षदं चैव ओंकारय नमो नमः |

अनुराधा पौडवाल को दूसरी लता मंगेशकर बनाना चाहता म्यूजिक इंडस्ट्री का ये किंग गायिका थीं , अनुराधा पौडवाल, जिन्हें लोग गुलशन कुमार और टी-सीरीज की खोज के नाम से भी जानते हैं। अनुराधा पौडवाल ने अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत 1973 में आई अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी स्टारर फिल्म ‘अभिमान’ से की लेकिन उन्हें पहला बड़ा ब्रेक 1976 में आई सुभाष घई की फिल्म ‘कालीचरन’ से मिला। इसके बाद अनुराधा ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

      एक बाद एक वो राजेश रोशन, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, कल्याणजी-आनंदजी और जयदेव जैसे संगीतकारों के साथ काम करती जा रहीं थीं और हिट गानों के जरिए सफलता की सीढ़ियां चढ़ती जा रही थीं, हालांकि इस दौरान लता मंगेशकर और आशा भौंसले के साथ उनके विवाद की भी कई खबरें रहीं जिसकी वजह से वो खुद भी दूसरे संगीतकारों के राडार पर आ गईं।

उस दौर में गुलशन कुमार की म्यूजिक कंपनी टी-सीरीज सबसे बड़ी कंपनी थी और हर कोई उसके साथ काम भी करना चाहता था। अनुराधा पौडवाल ने भी अपने करियर को और नए आयाम देने के लिए गुलशन कुमार के साथ हाथ मिला लिया और उनके लिए गाने लगीं। सफलता ने अनुराधा के ऐसे कदम चूमे कि ‘आशिकी‘, ‘दिल है कि मानता नहीं’ और ‘बेटा’ जैसी फिल्मों के लिए उन्हें लगातार तीन फिल्मफेयर अवॉर्ड दिए गए। इस दौरान अनुराधा गुलशन कुमार की भी पसंदीदा गायिका बन गईं। हर जगह और हर मामले में वो अनुराधा पौडवाल को सपोर्ट करने लगे, अनुराधा उसी तरह गाने गाती रहीं और आगे बढ़ती रहीं। जिसे रफ्तार से वो आगे बढ़ रहीं थीं, उससे लग रहा था कि लता मंगेशकर का दौर खत्म सा हो गया है। खुद कंपोजर ओपी नायर ने भी कह दिया था कि लता का दौर अब खत्म हो चुका है, अनुराधा ने उन्हें रीप्लेस कर दिया है। लेकिन इससे भी बड़ी बात खुद गुलशन कुमार ने कही थी।

     गुलशन कुमार ने अनुराधा पौडवाल से कहा कि वो उन्हें दूसरी लता मंगेशकर बनाएंगे। इसके बाद उन्होंने उसी दिशा में काम करना शुरु कर दिया। और फिर अचानक एक दिन लता मंगेशकर ने ये कहकर सभी को चौंका दिया कि अब वो सिर्फ और सिर्फ टी-सीरीज के लिए ही गाने गाएंगी l जबकि अनुराधा ने भजन और आरती गानी शुरु कर दीं।

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