साहिब बीबी और गुलाम साहिब और गुलाम, 1962 की भारतीय हिंदी फिल्म है। गुरु दत्त द्वारा निर्मित और अबरार अल्वी द्वारा निर्देशित। फिल्म का संगीत हेमंत कुमार का है और गीत वीके मूर्ति द्वारा शकील बदायुनी छायांकन के हैं। फिल्म में गुरु दत्त, रहमान, मीना कुमारी, वहीदा रहमान और नासिर हुसैन हैं। यह फिल्म बिमल मित्रा की बंगाली किताब साहेब बीबी गोलम पर आधारित है, और ब्रिटिश-राज के दौरान बंगाल में हवेली-डोम के दुखद पतन पर एक नज़र है।
यह फिल्म एक प्रमुख आलोचनात्मक और व्यावसायिक सफलता थी, आलोचकों ने मीना कुमारी के प्रदर्शन को छोटी बहू के रूप में जिम्मेदार ठहराया, जिसे हिंदी सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक माना जाता है। इसने सर्वश्रेष्ठ मूवी पुरस्कार सहित चार फिल्मफेयर पुरस्कार जीते, 13 वें बर्लिन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में गोल्डन बियर के लिए नामांकित किया गया था, और ऑस्कर में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में चुना गया था। इंडियाटाइम्स मूवीज़ ने फ़िल्म को शीर्ष 25 मस्ट सी बॉलीवुड फ़िल्मों में शुमार किया है।
Song: Meri baat rahi mere man mein
Singers : Asha Bhosle
Lyrics : Shakeel Badayuni
Music Director : Hemant Kumar
Cast : Meena Kumari, Guru Dutt, Rehman, Waheeda Rehman
Director : Abrar Alvi
Producer : Guru Dutt,
Production Co: Guru Dutt Films Pvt. Ltd.
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LYRICS
Meri baat rahi mere mann me
Kuchh kah naa saki uljhan me
Meri baat rahi mere mann me
Kuchh kah naa saki uljhan me
Meri baat rahi mere mann me
Kuchh kah naa saki uljhan me
Mere sapane adhure huye
Nahi pure aag lagi jivan me
Meri baat rahi mere mann me
Kuchh kah naa saki uljhan me
O rasiya mann basiya nas
Nas me ho tum hi samaaye
Mere naina kaare baina
Mera dard naa tum sun paaye
Jiya mora pyaasa raha saawan me
Meri baat rahi mere mann me
Kuchh kah naa saki uljhan me
Kuchh kahate kuchh sunate
Kyon chale gaye dil ko masal ke
Meri duniya huyi suni
Buja aas kaa dipak jaan ke
Chhaaya re andhera meri aakhiya me
Meri baat rahi mere mann me
Kuchh kah naa saki uljhan me
Tum aao ke na aao piya
Yaad tumhaari mere sang hain
Tumhe kaise yeh bataau mere
Prit kaa niraala ik rang hain
Laga ho yeh neha jaise bachapan me
Meri baat rahi mere mann me
Kuchh kah naa saki uljhan me
Mere sapane adhure huye
Nahi pure aag lagi jivan me
Meri baat rahi mere mann me
Kuchh kah naa saki uljhan me
Meri baat rahi mere mann me
Kuchh kah naa saki uljhan me.
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LYRICS
मेरी बात रही मेरे मानन में
कुछ कह ना सकीय उलझन में
मेरी बात रही मेरे मानन में
कुछ कह ना सकीय उलझन में
मेरी बात रही मेरे मानन में
कुछ कह ना सकीय उलझन में
मेरे सपने अधुरे हुए
नहीं पुरे आग लगी जीवन में
मेरी बात रही मेरे मानन में
कुछ कह ना सकीय उलझन में
ओ रसिया मन्न बसिया नास
नस में हो तुम ही समाये
मेरे नैना कारे बैना
मेरा दर्द ना तुम सुन पाये
जिया मोरा प्यासा रहा सावन में
मेरी बात रही मेरे मानन में
कुछ कह ना सकीय उलझन में
कुछ कहते कुछ सुनते
क्यों चले गए दिल को मसल के
मेरी दुनिया हुयी सुनि
बुजा आस का दीपक जान के
छाया रे अँधेरा मेरी ाखिया में
मेरी बात रही मेरे मानन में
कुछ कह ना सकीय उलझन में
तुम आओ के न ाओ पिया
याद तुम्हारी मेरे संग हैं
तुम्हे कैसे यह बताओ मेरे
प्रीत का निराला इक रंग हैं
लगा हो यह नेहा जैसे बचपन में
मेरी बात रही मेरे मानन में
कुछ कह ना सकीय उलझन में
मेरे सपने अधुरे हुए
नहीं पुरे आग लगी जीवन में
मेरी बात रही मेरे मानन में
कुछ कह ना सकीय उलझन में
मेरी बात रही मेरे मानन मे
कुछ कह ना सकीय उलझन में.